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Mindful Stories – By Vandana (7)

Thanks everyone for reading my stories…..Here’s the story for today. These Stories are thought provoking and enhances moral values I urge you all to kindly share these stories to your students,loved ones and ask your own children to read.

Story7 

*”The Compass Within”*

Riya was a bright young student, full of potential but overwhelmed by the choices ahead of her. Like many in her final year of school, she stood at a crossroads, unsure whether to pursue a career in medicine, engineering, or something entirely different. Every option felt like a heavy decision, and the pressure to make the right choice was suffocating.

One evening, after a long and tiring day of juggling assignments and entrance exam prep, Riya went to her grandfather for advice. He was a retired teacher, known for his wisdom and calm demeanor. Sitting on the porch with him, she poured out her heart, sharing her fears of making the wrong decision and disappointing her family or herself.

Her grandfather listened patiently. After a pause, he smiled and began his story.

“When I was your age,” he started, “I had the same confusion. I was torn between becoming a doctor or joining my father in the family business. Both seemed like the ‘right’ choices, but something inside me whispered differently.”(copyright infringement is a punishable offence)

Riya was intrigued. “What did you do?”

“Well,” he continued, “I did what I thought would please everyone. I studied business and joined the family trade, but my heart wasn’t in it. I spent years in an industry that never felt like home. I was successful but never truly happy. It wasn’t until much later that I realized my true passion was teaching. I left the business behind and started over as a schoolteacher.”

Riya frowned. “But wasn’t that scary? Starting over?”

“Of course it was,” he said, nodding. “But here’s the thing: I discovered that life isn’t about making the perfect choice at every moment. It’s about learning to listen to the compass within you—your passions, your interests, the things that make you feel alive. You may not know everything right now, and that’s okay. But don’t ignore what excites you, what challenges you, or what brings you joy.”

He leaned closer and added, “It’s not about choosing the safest option or what others expect. It’s about aligning with your inner voice, following the path that makes you feel most like yourself.”

Riya sat silently, absorbing his words. She realized that her confusion wasn’t because she didn’t know what to do. Deep down, she had always loved storytelling, writing, and expressing herself through words, but she had pushed those passions aside, thinking they weren’t ‘practical’ or ‘secure.’ Yet, they had always brought her the most fulfillment.

Her grandfather’s story reminded her that life is less about finding the ‘right’ path and more about finding *your* path.

The next day, Riya decided to explore writing more seriously. She began taking creative writing courses, started a blog, and shared her stories with the world. Over time, her path became clearer, not because she knew every step in advance but because she learned to trust her internal compass.

Riya’s journey wasn’t always easy, but it was hers. And in following her passion, she found not just a career but a purpose that resonated with her heart.

*Moral of the Story:*

Life’s journey is filled with choices and crossroads, but the key to navigating them lies in listening to your inner compass—your passions and values. The path to happiness and success isn’t about making the ‘right’ choice in the eyes of others but about finding what truly excites and fulfills you. The destination will unfold as you align with your purpose, step by step.

By Vandana

The story is translated in Hindi

Here’s the translation of the story in Hindi: On public Demand

“अंतरात्मा का दिशा सूचक”

रिया एक होनहार छात्रा थी, जिसमें अपार क्षमता थी, लेकिन उसके सामने मौजूद विकल्पों से वह अभिभूत थी। जैसे कि स्कूल के आखिरी साल में कई लोग होते हैं, वह भी एक चौराहे पर खड़ी थी, यह तय नहीं कर पा रही थी कि उसे चिकित्सा, इंजीनियरिंग या कुछ और पूरी तरह से अलग करियर चुनना चाहिए। हर विकल्प एक भारी निर्णय की तरह महसूस हो रहा था, और सही चुनाव करने का दबाव उसे घुटन महसूस करा रहा था।

एक शाम, असाइनमेंट और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी से थक जाने के बाद, रिया अपने दादा जी के पास सलाह लेने गई। वह एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे, जो अपनी बुद्धिमत्ता और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते थे। बरामदे में उनके साथ बैठकर, उसने अपना दिल खोल कर रख दिया और अपने डर साझा किए कि कहीं वह गलत निर्णय न ले ले और अपने परिवार या खुद को निराश न कर दे।

उसके दादा जी ने धैर्यपूर्वक सुना। थोड़ी देर के बाद, उन्होंने मुस्कराते हुए अपनी कहानी शुरू की।

“जब मैं तुम्हारी उम्र का था,” उन्होंने कहा, “तो मुझे भी यही उलझन थी। मैं डॉक्टर बनने और अपने पिता के साथ पारिवारिक व्यवसाय में शामिल होने के बीच फंसा हुआ था। दोनों ही ‘सही’ विकल्प लग रहे थे, लेकिन अंदर से कुछ और कह रहा था।”

रिया को उत्सुकता हुई। “फिर आपने क्या किया?”

“खैर,” उन्होंने जारी रखा, “मैंने वही किया जो सबको खुश कर सके। मैंने व्यवसाय की पढ़ाई की और पारिवारिक व्यापार में शामिल हो गया, लेकिन मेरा दिल उसमें नहीं था। मैंने कई साल उस उद्योग में बिताए, जो मुझे कभी अपना नहीं लगा। मैं सफल तो था, लेकिन कभी वास्तव में खुश नहीं था। बहुत बाद में मुझे एहसास हुआ कि मेरी असली रुचि तो शिक्षा में थी। मैंने व्यापार को पीछे छोड़ दिया और एक स्कूल शिक्षक के रूप में नई शुरुआत की।”

रिया ने चिंतित होकर पूछा, “लेकिन क्या वह डरावना नहीं था? फिर से शुरुआत करना?”

“बिलकुल था,” उन्होंने सिर हिलाते हुए कहा। “लेकिन बात यह है कि जीवन हर पल सही निर्णय लेने के बारे में नहीं है। यह इस बारे में है कि आप अपनी अंतरात्मा का दिशा सूचक—अपनी रुचियों, अपने शौक, जो चीजें आपको जीवंत महसूस कराती हैं—उन्हें सुनना सीखें। हो सकता है कि अभी तुम्हें सब कुछ न पता हो, और यह ठीक है। लेकिन उन चीजों की अनदेखी मत करो जो तुम्हें रोमांचित करती हैं, जो तुम्हें चुनौती देती हैं, या जो तुम्हें खुशी देती हैं।”

वह थोड़ा और झुककर बोले, “यह सबसे सुरक्षित विकल्प चुनने या जो दूसरे उम्मीद करते हैं, उसे पूरा करने के बारे में नहीं है। यह उस मार्ग पर चलने के बारे में है जो तुम्हें सबसे अधिक अपने जैसा महसूस कराए।”

रिया चुपचाप बैठी रही, उनके शब्दों को आत्मसात कर रही थी। उसे एहसास हुआ कि उसकी उलझन इसलिए नहीं थी कि उसे पता नहीं था कि क्या करना है। गहराई में, उसे हमेशा से कहानी कहना, लिखना, और शब्दों के माध्यम से खुद को व्यक्त करना पसंद था, लेकिन उसने इन शौकों को ‘व्यावहारिक’ या ‘सुरक्षित’ न मानकर किनारे कर दिया था। लेकिन वही उसे सबसे अधिक संतुष्टि देते थे।

उसके दादा जी की कहानी ने उसे याद दिलाया कि जीवन सही रास्ता खोजने के बारे में कम है और अपना रास्ता खोजने के बारे में अधिक है।

अगले दिन, रिया ने लिखने को गंभीरता से लेने का फैसला किया। उसने क्रिएटिव राइटिंग के कोर्स लेना शुरू किया, एक ब्लॉग शुरू किया, और अपनी कहानियाँ दुनिया के साथ साझा कीं। समय के साथ, उसका रास्ता और स्पष्ट होता गया, न कि इसलिए कि वह पहले से हर कदम जानती थी, बल्कि इसलिए कि उसने अपनी अंतरात्मा के दिशा सूचक पर भरोसा करना सीख लिया।

रिया की यात्रा हमेशा आसान नहीं रही, लेकिन वह उसकी अपनी थी। और अपने शौक को पूरा करते हुए, उसने न केवल करियर पाया बल्कि एक उद्देश्य भी पाया जो उसके दिल को छू गया।

Vandana

जीवन की यात्रा विकल्पों और चौराहों से भरी होती है, लेकिन उन्हें नेविगेट करने की कुंजी आपकी अंतरात्मा के दिशा सूचक—आपकी रुचियों और मूल्यों—को सुनने में निहित है। खुशी और सफलता का रास्ता दूसरों की नजर में ‘सही’ निर्णय लेने के बारे में नहीं है, बल्कि यह उस चीज़ को खोजने के बारे में है जो आपको वास्तव में उत्साहित और संतुष्ट करती है। जैसे-जैसे आप अपने उद्देश्य के साथ कदम से कदम मिलाते हैं, मंजिल अपने आप प्रकट होती जाती है।

vandana

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